Mobile RAM vs ROM Explained मोबाइल की मेमोरी को आसान भाषा में समझें

आज के समय में जब भी हम नया स्मार्टफोन खरीदने जाते हैं, तो सबसे पहले जो शब्द सुनने को मिलते हैं वे हैं RAM और ROM। बहुत से लोग इन दोनों शब्दों को देखकर कन्फ्यूज हो जाते हैं और यह समझ नहीं पाते कि आखिर RAM और ROM में फर्क क्या है। इसी वजह से कई बार गलत मोबाइल चुन लिया जाता है। इस आर्टिकल में Mobile RAM vs ROM Explained विषय को आसान हिंदी में समझाया गया है ताकि आप मोबाइल खरीदते समय सही फैसला ले सकें।

RAM क्या होती है और मोबाइल में इसका क्या काम है

RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता है। मोबाइल में RAM का काम अस्थायी मेमोरी की तरह होता है। जब आप अपने फोन में कोई ऐप खोलते हैं, गेम खेलते हैं या इंटरनेट ब्राउज़ करते हैं, तो वह सारा डेटा RAM में ही चलता है। RAM जितनी ज्यादा होगी, मोबाइल उतना ही स्मूद काम करेगा।

अगर आपके फोन में कम RAM है तो एक साथ कई ऐप चलाने पर मोबाइल स्लो हो सकता है। ऐप बार-बार रीलोड होते हैं और कभी-कभी फोन हैंग भी करने लगता है। इसलिए जिन लोगों को मल्टीटास्किंग करनी होती है, उनके लिए ज्यादा RAM वाला मोबाइल बेहतर रहता है।

RAM का डेटा फोन बंद होते ही अपने आप खत्म हो जाता है। इसलिए RAM को परमानेंट स्टोरेज नहीं कहा जा सकता।

ROM क्या होती है और इसका इस्तेमाल किस लिए होता है

ROM का पूरा नाम Read Only Memory होता है। मोबाइल में ROM को आम भाषा में स्टोरेज कहा जाता है। इसमें आपके फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम, ऐप्स, फोटो, वीडियो, म्यूजिक और डॉक्यूमेंट सेव रहते हैं।

जब आप नया मोबाइल खरीदते हैं और देखते हैं कि उसमें 64GB या 128GB स्टोरेज है, तो वही ROM होती है। ROM का डेटा फोन बंद होने के बाद भी सुरक्षित रहता है। इसी वजह से ROM को परमानेंट मेमोरी कहा जाता है।

अगर आपके फोन की ROM कम है तो थोड़े समय बाद स्टोरेज फुल होने की समस्या आने लगती है। इससे मोबाइल स्लो हो सकता है और नए ऐप इंस्टॉल करने में दिक्कत होती है।

Mobile RAM vs ROM Explained: दोनों में असली फर्क क्या है

Mobile RAM vs ROM Explained को सही तरीके से समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि RAM और ROM दोनों अलग-अलग काम करती हैं। RAM मोबाइल की स्पीड और परफॉर्मेंस से जुड़ी होती है जबकि ROM मोबाइल की स्टोरेज क्षमता से जुड़ी होती है।

Mobile RAM vs ROM Explained

RAM यह तय करती है कि मोबाइल कितनी तेजी से काम करेगा और एक साथ कितने ऐप बिना रुके चल सकते हैं। वहीं ROM यह तय करती है कि आप कितनी फाइलें, फोटो, वीडियो और ऐप्स अपने फोन में सेव कर सकते हैं।

सीधे शब्दों में कहा जाए तो RAM काम करने की जगह है और ROM सामान रखने की जगह है। दोनों का सही बैलेंस होना बहुत जरूरी है।

ज्यादा RAM और ज्यादा ROM होने के फायदे

आजकल ज्यादातर स्मार्टफोन में 6GB, 8GB या उससे ज्यादा RAM मिलने लगी है। ज्यादा RAM होने से मोबाइल की परफॉर्मेंस बेहतर रहती है और फोन लंबे समय तक स्मूद चलता है। हैवी गेम्स और मल्टीटास्किंग के लिए ज्यादा RAM काफी फायदेमंद होती है।

वहीं ज्यादा ROM होने से आपको स्टोरेज की चिंता नहीं करनी पड़ती। आप ज्यादा फोटो, वीडियो और ऐप्स बिना डिलीट किए रख सकते हैं। अगर आप सोशल मीडिया, वीडियो रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन कंटेंट ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो ज्यादा ROM वाला मोबाइल आपके लिए सही रहेगा।

कम RAM या कम ROM होने पर क्या समस्याएं आती हैं

अगर मोबाइल में RAM कम है तो फोन जल्दी स्लो हो जाता है। ऐप्स बार-बार बंद हो जाते हैं और गेम खेलते समय लैग महसूस होता है। लंबे समय तक कम RAM वाला फोन इस्तेमाल करना परेशानी भरा हो सकता है।

कम ROM होने पर स्टोरेज फुल होने की समस्या जल्दी आती है। फोन बार-बार स्टोरेज क्लीन करने का नोटिफिकेशन देता है और नए ऐप डाउनलोड नहीं हो पाते। कई बार सिस्टम अपडेट भी नहीं हो पाता।

इसलिए Mobile RAM vs ROM Explained को समझकर ही मोबाइल का चुनाव करना समझदारी होती है।

आपके इस्तेमाल के अनुसार कितनी RAM और ROM सही है

अगर आप मोबाइल का इस्तेमाल केवल कॉल, व्हाट्सएप और हल्के ऐप्स के लिए करते हैं, तो 4GB RAM और 64GB ROM भी पर्याप्त हो सकती है। लेकिन अगर आप सोशल मीडिया, वीडियो स्ट्रीमिंग और हल्के गेम्स खेलते हैं तो 6GB RAM और 128GB ROM बेहतर ऑप्शन है।

गेमिंग, वीडियो एडिटिंग और हेवी ऐप्स के लिए 8GB या उससे ज्यादा RAM और कम से कम 128GB ROM वाला मोबाइल लेना सही रहता है। इससे फोन लंबे समय तक अच्छा परफॉर्म करेगा और स्टोरेज की दिक्कत नहीं आएगी।

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RAM और ROM का मोबाइल की कीमत पर असर

RAM और ROM जितनी ज्यादा होती है, मोबाइल की कीमत उतनी ही बढ़ जाती है। इसलिए कई बार लोग सस्ता फोन लेने के चक्कर में कम RAM या कम ROM वाला मोबाइल खरीद लेते हैं। बाद में उन्हें पछताना पड़ता है।

मोबाइल खरीदते समय केवल कीमत नहीं बल्कि अपनी जरूरत को भी ध्यान में रखना चाहिए। सही RAM और ROM वाला मोबाइल थोड़ा महंगा जरूर हो सकता है लेकिन लंबे समय में वही बेहतर साबित होता है।

आज के स्मार्टफोन में वर्चुअल RAM क्या होती है

आजकल कई मोबाइल कंपनियां वर्चुअल RAM का फीचर देती हैं। इसमें ROM का कुछ हिस्सा RAM की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इससे मोबाइल की परफॉर्मेंस थोड़ी बेहतर हो जाती है लेकिन यह असली RAM जितनी प्रभावी नहीं होती।

वर्चुअल RAM तभी मददगार होती है जब फोन में पहले से पर्याप्त फिजिकल RAM मौजूद हो। इसलिए Mobile RAM vs ROM Explained को समझते समय वर्चुअल RAM और असली RAM में फर्क जानना भी जरूरी है।

Mobile RAM vs ROM Explained

Mobile RAM vs ROM Explained: आम यूजर्स के लिए आसान समझ

बहुत से लोग सोचते हैं कि ज्यादा ROM होने से मोबाइल तेज चलेगा, जबकि ऐसा नहीं है। मोबाइल की स्पीड RAM पर निर्भर करती है और स्टोरेज ROM पर। इसलिए दोनों को अलग-अलग समझना जरूरी है।

अगर आप समझदारी से RAM और ROM का चुनाव करते हैं तो आपका मोबाइल लंबे समय तक अच्छा परफॉर्म करेगा और बार-बार फोन बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में Mobile RAM vs ROM Explained को आसान हिंदी में समझाया गया है। RAM मोबाइल की स्पीड और मल्टीटास्किंग के लिए जरूरी होती है जबकि ROM मोबाइल की स्टोरेज क्षमता तय करती है। दोनों का संतुलन होना बेहद जरूरी है। मोबाइल खरीदते समय अपनी जरूरत, इस्तेमाल और बजट को ध्यान में रखकर सही RAM और ROM वाला स्मार्टफोन चुनें। सही जानकारी के साथ लिया गया फैसला आपको बेहतर अनुभव देगा और आपका पैसा भी सही जगह खर्च होगा।

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